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  • वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट हो सकता है लोकसभा में पेश शीत कालीन सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट 2004 और जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 को आज लोकसभा में पेश कर सकते हैं। रिजर्वेशन एक्ट से राज्य सरकार की नौकरियों, कॉलेज एडमिशन में आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकेगी। वहीं जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 की मदद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन किया जाएगा। इसकी मदद से जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। साथ ही सात सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की जाएंगी।
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उत्तर प्रदेश News

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आजादी से अब तक की वो 25 घटनाएं, जो लोगों के दिल और दिमाग में बस गईं

वॉयस ऑफ ए टू जेड जिला संवाददाता आदर्श तिवारी, बाराबंकी:-आज हम सभी आजादी का 76वां वर्षगांठ मना रहे हैं। ऐसे में आज हमें अपने अतीत को जानना भी जरूरी है। आज हम सिलसिलेवार तरीके से बीते वर्षों की उन 25 घटनाओं के बारे में बताएंगे हैं, जो हमारे दिलो दिमाग में दर्ज हुईं।

15 अगस्त को देश को आजाद हुए 76 साल पूरे हो गए। इन 76 वर्षों में देश ने दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए खूब संघर्ष किया। काफी मुश्किलों का सामना किया। आज पूरी दुनिया गर्व से हिंदुस्तान का नाम लेती है। ये सब संभव हो पाया है देश के नागरिकों की वजह से। बीते 76 वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो हम सभी से दिलो दिमाग में बस गई हैं। आइये जानते हैं ऐसी ही 25 घटनाओं के बारे में...


1. भारत-पाकिस्तान का बंटवारा (1947)

विभाजन की त्रासदी भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। ब्रिटिश शासन ने देश को स्वतंत्रता देने से पहले भारत का सांप्रदायिक आधार पर बंटवारा किया। भारत से अलग होकर पाकिस्तान अलग देश बन गया।

असर क्या हुआ?

करोड़ों लोग प्रभावित हुए। करोड़ों दिल रोए, तड़पे। दोनों तरफ भारी हुई हिंसा हुई। अनुमान है कि विभाजन की त्रासदी में करीब 10 लाख लोग मारे गए।

2. चीन-भारत युद्ध (1962)

भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर युद्ध हुआ। चीन ने मैकमोहन रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। एक महीने बाद चीन ने युद्धविराम की घोषणा की। इस जंग में भारत का काफी नुकसान हुआ।

असर:

लोगों का मनोबल बुरी तरह टूट गया। देश भारी निराशा में डूब गया। हम जिसे दोस्त समझ रहे थे, उस चीन की चुनौती का पहली बार देश को एहसास हुआ।

3. भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965)

अभी देश चीन के साथ हुए युद्ध से उबरा नहीं था कि पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। इस युद्ध में दोनों पक्ष को भारी नुकसान हुआ, आखिरकार जीत भारत की हुई। आजादी के बाद यह पाकिस्तान के खिलाफ मिली दूसरी जीत थी।

असर:

देश में चीन से मिली हार की निराशा कम हो गई। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को जनता ने सिर आंखों पर बैठाया।

4. बांग्लादेश की मुक्ति (1971)

पूर्वी पाकिस्तानियों ने पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और भारत ने उनका साथ दिया। इस पर बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए। तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। 26 मार्च 1971 को शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया।

असर:

पाकिस्तान को विभाजन के दर्द का एहसास हुआ। पाकिस्तान को यह साफ हो गया कि भारत से वह कोई जंग नहीं जीत सकता।

5. जेपी आंदोलन (1974)

18 मार्च 1974 को बिहार में छात्रों ने कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आंदोलन शुरू किया। इसका नेतृत्व समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने किया था। देखते-देखते यह आंदोलन पूरे देश भर में फैल गया। लोगों के मन में इंदिरा गांधी सरकार के प्रति गुस्सा था। जेपी ने इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज उठाई। यह आंदोलन बाद में जेपी आंदोलन के नाम से जाना गया।

असर:

इस आंदोलन के बाद देश को ‘आपातकाल’की सजा भुगतनी पड़ी।

6. आपातकाल (1975)

देश में आंतरिक तनाव के कारण इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लागू कर दिया। इसकी पृष्ठभूमि में जेपी आंदोलन के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का वह फैसला था जिसमें इंदिरा गांधी को रायबरेली के चुनाव अभियान में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का दोषी पाया गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को खारिज कर दिया था। साथ ही छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। इंदिरा गांधी की सिफारिश पर तब के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी। आपतकाल 1975 से 1977 तक रहा।

असर:

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में आपातकाल को सबसे काला अध्याय माना गया। इससे नागरिकों के मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता पर अंकुश लगा गया। करीब एक हजार विरोधी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया।

7. ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984)

अलग खालिस्तान की मांग कर रहे सिख आतंकवादियों के खिलाफ सेना ने बड़ी कार्रवाई की। 1981 से जरनैल सिंह भिंडरांवाले अमृतसर में सिखों के सबसे पवित्र गुरुद्वारे स्वर्ण मंदिर के पास छुपा था। उसके साथ हथियारबंद अनुयायी भी थे।

एक जून 1984 को सैन्य कार्रवाई हुई। सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर जाकर आंतकियों को मार गिराया। मेजर जनरल बराड़ ने इसकी जिम्मेदारी संभाली। इस कार्रवाई का कोडनेम था ऑपरेशन ब्लू स्टार।

असर:

इस कार्रवाई से कुछ सिखों में इंदिरा सरकार के प्रति गुस्सा भर गया। सेना की ईकाइयों में विरोध के स्वर सामने आने लगे। इसके कुछ ही समय बाद सिख अंगरक्षकों ने इंदिरा गांधी की हत्या कर दी।

8. सिख विरोधी दंगे (1984)

यह भारत के इतिहास की सबसे भयानक घटनाओं में दर्ज है। इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर 1984 को देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क गए। नरसंहार में करीब 15 हजार निर्दोष लोगों को मार दिया गया। राजधानी दिल्ली के भी ज्यादातर इलाकों में हत्या और लूटपाट की घटनाएं हुईं। निर्दोष लोगों की दुकानें, घर और गुरुद्वारे लूट लिए गए।

असर: 

आज भी इस दंगे का दाग लोकतंत्र पर लगा हुआ है। कई घरों के लोग इस दंगे को भूल नहीं पा रहे हैं। कईयों के घर-परिवार सबकुछ बर्बाद हो गए। 

9. भोपाल गैस कांड (1984)

दो दिसंबर को भोपाल के यूनियन कार्बाइड प्लांट में भीषण गैस रिसाव से पूरे देश में हड़कंप मच गया। इससे पूरे भोपाल शहर में मौत का तांडव मच गया था। करीब पांच लाख 58 हजार से ज्यादा लोग जहरीले रसायनों के रिसाव की चपेट में आ गए। अनुमान है कि इस त्रासदी में तकरीबन 25 हजार लोगों की जानें चली गईं। हजारों लोग विकलांगता के शिकार हो गए। घटना के सालों बाद भी जन्म लेने वाले कई बच्चे विकलांग पैदा हो रहे हैं।

असर:

दुनिया के लिए यह हादसा एक सबक बना। गैस प्रभावितों के स्वास्थ्य सुविधाओं, राहत और पुनर्वास, मुआवजे के लिए लंबी लड़ाई चली।

10. शाहबानो केस (1985)

65 साल की शाहबानो पांच बच्चों की मां थीं। तलाक के बाद पति से गुजारा भत्ता पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को पति से गुजारा भत्ता पाने का हक है। कोर्ट के इस फैसले का कट्टपरंथी मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया।

इस दबाव में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए मुस्लिम महिला (तलाक पर संरक्षण अधिनियम), 1986 पारित किया। इसके तहत पति को गुजारा भत्ता देने के दायित्व से मुक्त कर दिया गया।

असर:

मुस्लिम महिलाओं के लिए सरकार का यह फैसला किसी झटके से कम नहीं था। इस फैसले की वजह से राजीव गांधी की तत्कालीन सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा।

11. राजीव गांधी की हत्या (1991)

राजीव गांधी की हत्या 21 मई को 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में कर दी गई। उनकी हत्या तमिल के लिबरेशन टाइगर्स के आत्मघाती हमलावर ने लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान की। श्रीलंका में 1987-90 में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा तमिलों की हत्या का बदला लेने के लिए लिट्टे ने यह हत्या की। इस हत्या से पूरा देश सदमे में था।

असर:

राजीव गांधी की हत्या के बाद श्रीलंका पर लिट्टे को खत्म करने का दबाव बढ़ा। सेना ने मई 2009 में लिट्टे का खात्मा कर दिया। लिट्टे नेता प्रभाकरण और पोत्तू अम्मान की भी कहानी खत्म हो गई।

12. बाबरी मस्जिद विध्वंस (1992)

अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया। 16वीं सदी में अयोध्या में बनी मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया। इस मामले में फैजाबाद में दो एफआईआर दर्ज हुई। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवणी, उमा भारती समेत लाखों कारसेवकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।

असर:

इस वजह से पूरे देश में तनाव फैल गया। देशभर में हुए दंगों में दो हजार से ज्यादा लोग मारे गए।

13. मुंबई धमाका (1993)

बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए दाऊद इब्राहिम ने मुंबई में बम धमाकों की साजिश रची। पूरी योजना के साथ मुंबई के 13 अलग-अलग स्थानों पर धमाके किए गए। इन धमाकों में 257 लोग मारे गए, जबकि 700 बुरी तरह घायल हो गए। 19 नवंबर 1993 में यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया। इन धमाकों के मास्टरमाइंड अबू सलेम समेत अन्य कई दोषियों को विशेष टाडा अदालत ने सजा भी सुना दी है।

असर:

पूरा देश इस धमाके से दहल गया। मुंबई की तेज रफ्तार जिंदगी पटरी से उतर गई। आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठी।

14. कारगिल में पाक को शिकस्त (1999)

कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच यह युद्ध हुआ। शुरुआत पाकिस्तान ने की। तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध को अंजाम दिया। यह जंग कारगिल की पहाड़ियों पर लड़ी गई। एलओसी के अंदर पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ के बाद भारत ने 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया। जुलाई में युद्ध समाप्त हो गया। भारत ने टाइगर हिल पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।

असर:

पाकिस्तान को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। उसे भारत से करारा जवाब मिला। दुनियाभर में पाकिस्तान बेनकाब हो गया।

15. कंधार विमान अपहरण कांड (1999)

इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली वापस जा रही थी। इसमें 180 यात्री और चालक दल सवार थे। शाम पांच बजे जैसे ही विमान ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया, पांच पाकिस्तानी अपहरणकर्ताओं ने उस पर कब्जा कर लिया। लाहौर से दुबई के रास्ते होते हुए इंडियन एयरलाइंस का ये अपहृत विमान अगले दिन अफगानिस्तान के कंधार पहुंचा। उस दौर में कंधार पर तालिबान का राज था।

असर:

यात्रियों की सुरक्षा के लिए विमान को छोड़ने के एवज में भारत को तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा। इसमें एक आतंकी मसूद अजहर था।

16. मैच फिक्सिंग कांड: (2000)

मैच फिक्सिंग कांड क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा स्कैंडल है। दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि दक्षिण अफ्रीका और भारतीय टीम के पांच खिलाड़ी मैच फिक्सिंग के लिए दलालों के संपर्क में थे। इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए का नाम सबसे प्रमुख था। मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा जैसे भारतीय खिलाड़ियों के नाम भी सामने आए थे। इन खिलाड़ियों पर जानबूझ कर अंडर-परफॉर्म करने के लिए पैसे स्वीकार करने के आरोप लगे।

असर:

इस कांड ने देश के क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़ दिया। अजहर और अजय जडेजा पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।

17. गुजरात में भूकंप (2001)

26 जनवरी को गुजरात में करीब दो मिनट तक आया भूकंप भयंकर तबाही लेकर आया। भूकंप ने गुजरात के कच्छ इलाके में तबाही मचा दी।

असर:

करीब 20 हजार लोग मारे गए। करीब चार लाख मकान जमींदोज हो गए। छह लाख लोग बेघर हो गए।

18. संसद पर हमला (2001)

13 दिसंबर को संसद भवन पर आत्मघाती हमला हुआ। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया। सफेद एंबेसडर से पांच आतंकी संसद परिसर में घुसे। वे 45 मिनट तक गोलियां बरसाते रहे। इस हमले से पूरा संसद दहल उठा। दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल नौ लोग शहीद हुए। आखिरकार सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों को मार गिराया।

असर:

यह देश की आबरू पर हमला था। इस घटना में आतंकी अफजल गुरू को दोषी ठहराया गया। नौ फरवरी 2013 को उसे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। इस हमले के बाद संसद की सुरक्षा अभूतपूर्व रूप से बढ़ाई गई।

19. गुजरात दंगे (2002)

अयोध्या से ट्रेन में सवार होकर गोधरा लौट रहे 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के रेल डिब्बे को दंगाइयों ने आग लगा दी। इसके बाद गुजरात में हिंसा भड़क गई। तीन दिनों तक चली हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए।

असर:

राज्य में सांप्रदायिक दंगों ने लोगों का मनोबल तोड़ दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोधरा कांड और गुजरात दंगों की जांच के आदेश दिए। जस्टिस नानावटी की अध्यक्षता में आयोग का गठन हुआ।

20. सुनामी (2004)

26 दिसंबर को हिंद महासागर में समुद्र के नीचे भूकंप आने से विशाल सुनामी आई। इससे भारत में 16,279 लोगों की जानें चली गई। भारत में इसका सबसे ज्यादा असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में देखा गया।

असर:

इस घटना के बाद भारत ने सुनामी वॉर्निंग सिस्टम बनाया। हैदराबाद में भारतीय सुनामी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की शुरुआत हुई।

21. मुंबई में आतंकी हमला (2008)

26 नवंबर को मुंबई पर आतंकवादी हमला हुआ। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने यह हमला किया। 10 आतंकी कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई में आए थे। इस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए। 300 से ज्यादा लोग हमले में घायल हुए थे। सुरक्षा बल, आतंकवादियों से तीन दिनों तक जूझते रहे। 29 नवंबर की सुबह तक नौ हमलावरों का सफाया हुआ। आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया।

असर:

पाकिस्तान की भारत के खिलाफ आतंकी साजिश एक बार फिर बेनकाब हुई। पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा। भारत में चले मुकदमे के बाद अजमल कसाब को फांसी दी गई।

22. दंतेवाड़ा नरसंहार (2010)

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में यह अब तक का सबसे घातक नक्सली हमला था। इस हमले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 76 जवानों की घात लगाकर हत्या कर दी।

असर:

तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने इस्तीफे की पेशकश की। नक्सलियों के खिलाफ बड़े अभियान चलाए गए।

23. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म केस (2012)

16 दिसंबर की रात चलती बस में एक मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर तक भेजा गया। 13 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष करने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

असर:

इस घटना से पूरा देश शोक में डूब गया। घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया। लोग गुस्से में भर उठे और सड़कों पर उतर आए। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून को और सख्त किया गया। इसे निर्भया एक्ट नाम दिया गया। सरकार हर साल महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड घोषित करने लगी।

24. उत्तराखंड में बाढ़ (2013)

16 जून को राज्य ने भयंकर त्रासदी का सामना किया। भारी बारिश और इससे आई बाढ़ की वजह से केदारनाथ से लेकर ऋषिकेश तक भयानक तबाही मची। करीब पांच हजार लोग मारे गए। जानमाल का भारी नुकसान हुआ। हजारों लोग बेघर हो गए, कई लापता हो गए।

असर:

केदारनाथ मंदिर को आंशिक नुकसान पहुंचा। कई गांव तबाह हो गए। बाद में केदारनाथ मंदिर में मरम्मत का काम हुआ।

25. कोरोना महामारी: (2020)

2020 को कोरोना महामारी के कारण याद किया जाएगा। इस महामारी ने देश के लाखों लोगों को संक्रमित कर दिया। संक्रमण से अब तक लाखों लोगों की जान चली गई है। देश ने कोरोना की तीन लहर का सामना किया। इसने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला कर रख दिया।

असर:

दुनिया का सबसे लंबा और सबसे बड़ा लॉकडाउन भारत में लगाया गया। लोगों के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा। वैक्सीन बनाने की दिशा में देश आत्मनिर्भर बना। स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन देश में बनने लगी। अब तक 200 करोड़ से ज्यादा टीके का डोज लगाया जा चुका है।